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Motivational Post for Success


जब आप कोई काम करनें जाते हो, किसी बिजनिस की शुरूआत करते हो, या कोई भी काम करते हो तो वो आपके सोच के साथ काम करता है। अगर आप सोचते हो कि आपको अध्‍यापक बनना हैं अगर आप सोचते हो कि आपको अधिकारी बनना अगर आप सोचते हो कि आपको बिजनिसमैन बनना हैं तो यह सब होता आपके साेच के अनुसार। आपके दिल के हिसाब। आपका दिमाग केवल काम कर सकता है लेकिन आप का दिल उसे ऑपरेट करता है। उसें निर्देश देता है। उसे ताकत देता है। आप जो सोच लेते हो वो बन जाते हो और उसी में आपकी खुशी होती है। ल‍ेकिन ये दुनिया बडी जालिम हैं माहोल ही ऐसा है कि जो मिल जाता है हम उसे पानें के बाद उसको इस्‍तेमाल करना छोड कुछ ऐसा पानें में लग जाते हैं जो हमारे पास नही हैं। और धीरे ध्‍ाीरे हमें वो सब मिलता जाता है जो हमें चाहिये लेकिन तब तक हम उसे इस्‍तेमाल करने लायक नही होते। और जिन्‍दगी ऐसे ही भागदौड में गुजार देंते हैं। इसमें हमारी कोई गलती नही। हम बडे ही इस माहौल में हुये जहॉ हमें सिखाया जाता है कि बडे होकर इंजीनियर बनना हैं बडे होकर डॉक्‍टर बनना हैं। एक छोटी सी जॉब करनी हैं। और जिन्‍दगी भर परिश्रम करना हैं। और हमें वो अच्‍छा भी लगता है क्‍यों?



क्‍योंकि हमारें आसपास के सभी लोग वही कर रहे होते हैं और उसको गलत कहने वाला कोई नही होता। और हम समझ बैठते हैं कि यही दुनिया हैं। इस दुनिया से बाहर निकलिये। आॅफिर दर आॅफिस चक्‍कर काटनें से अच्‍छा है खुद का आॅफिस खोल लिया जाऐ। लेकिन आसान तो नही सुनने में बहुत कठिन लगता है तो करनें में कितना कठिन होगा। यही हम सोच ले‍ते हैं कि यह काम कठिन हैं और उसके करते ही नहीं। और फिर जो भी उस काम को करनें की कोशिश करता है उसको भी हम यही बोलते हैं कि यह काम कठिन हैं और वो भी आगे किसी को बोल देता है कि यह काम कठिन हैं। एेसे ही चलते चलते एक धारणा बन जाती हैं कि यह काम कठिन हैं। क्‍या आपनें कभी इसे करके देखा। क्‍या आपके किसी जानने वाले ने इसे करके देखा। या किसी और ऐसे व्‍यक्ति ने बताया जिसनें वो काम करके देखा। नही ऐसा कुछ भी नही होता। हम झूठ में जी रहे होते हैं और वहीं के वहीं रह जाते हैं। लेकिन जो लोग सच्‍चाई जानते हैं वो हमसें कहीं गुना आगे निकल जाते हैं।  और हम फिर भी यही सोच रहे होते हैं कि यह काम कठिन था। दोस्‍तो यही सोच बदलनी होगी। हमें जानना होगा काम कोई भी कठिन नही बस हम उसे करनें की ठान लें। ठीक ऐसा ही धारणा मल्‍टीलेवल मार्केटिंग के बिजनिस से जुडी हुई है। हमारें घरवाले, पडोसी, रिश्‍तेदार, दोस्‍त, जानने वाले सब यही कहते हैं कि ये तो बहुत कठिन हैं और हम को लगने लगता है कि यह बहुत कठिन हैं और वो काम हमारे लिये वाकई कठिन हो जाता है। और फिर हम वो काम कर ही नही पाते। आइये लेवलमार्केटिंग के बारें में दो  सबाल आप से पूछता हूॅ।


1- क्‍या आप के अन्‍दर इतनी क्षमता नही हैं कि आप एक महीनें में तन, मन के साथ लगकर कर सिर्फ 10 लोगों को इस बिजनिस से जोड सको। वो भी ऐसे बिजनिस में जिसमें इन्‍वेस्‍ट बिल्‍कुल भी न हो। 

2- कि क्‍या दुनियॉ में ऐसा कोई व्‍यक्ति हो जो अपने पूरे तन, मन के साथ लगकर एक महीनें में इस बिजनिस से 10 लोगों से न जोड पाऐ। 



इन सवालों का सीधा सा जबाब है नही। दुनिया में कोई भी व्‍यक्ति अगर चाहे तो 10 व्‍यक्तियों को बडे आराम से 1 महीनें जोड सकता है। सिर्फ सोच का फर्क है। आज आपके सामनें बहुत सारे उदाहरण होंगे। कि दो भाई एक समय में एक ही साथ समान पैसा लगाकर एक ही बिजनिस शुरू करते हैं और होता यह हैं एक कामयाब हो जाता है और दूसरा फेल। जो कामयाब होता है उसे पता होता है कि मैं कामयाब हो जाऊॅगा और जो फेल हो जाता है उसे डर हाेता है कि मैं फेल न हो जाऊ। क्‍योंकि उसे पहले दिन से लगने लगता है कि यह काम तो कठिन हैं। लोग कहने लगते हैं कि यह काम तो तू कर ही नही पाऐगा। और अपने मन से ज्‍यादा उन लोगों की बातों को सुनता है। और फेल हो जाता है। और फिर यही बात वो अपने बच्‍चों से कहता है कि यह काम कठिन हैं और पीढी दर पीढी वहीं सिमट कर रह जाता है। वहीं दूसरा भाई जो सफल हो जाता है उसे पता होता है कि यह काम आसान हैं और वो फिर अपने बच्‍चों को भी बोलता है कि यह काम आसान है और वाे पीढी दर पीढी बडता चला जाता है। यही सोच हमें तोडनी होगी। हमें आगे बढना होगा। खुद चलना होगा। आैर देखना जिस दिन हम चलना शुरू कर देंगे उस तमाम लोग आपको रोकनें आऐंगे। लेकिन जिस दिन आप दौडना शुरू कर  देंगे वही लोग आप मुबारकबाद देना शुरू कर देंगे। तो उठ जाइये क्‍योंकि कोई काम कठिन नही हैं।  आप का मेहनतभरा आज आप को एक सफल कल देगा। 


1- लोगों की सुनना छोड दीजिये। 

जो लोग यह कहते हैं कि तू कोई काम नही कर पाएगा। उनसे यह पूॅछिये कि वो ऐसा क्‍यों कह रहे हैं। क्‍या उन्‍होनें ये काम करके देखा है। आप देंखेंगे कि 90 प्रतिशत लोग आपके सबाल का सही जबाब नही दे पाऐंगे। उनका एक ही जबाब होगा कि उनकॉ फला रिश्‍तेदार, या दोस्‍त ने भी इस काम को शुरू किया था वो नही कर पाया। उन्‍होनें इस काम को कभी नही किया। बाकी जो 10 प्रतिशत लोग बचेंगे जो कहेंगे कि आप ये काम किया तो आप ऐसे लोगों से उनकी कमियॉ जाननें की कोशिश करिये जिस वजह से वाे यह काम नही करपाऐ। यानी सिर्फ उन 10 प्रतिशत लोगों की सुनिये जिन्‍होनें ये काम किया था। लेकिन सिर्फ इतनी बात ही सुनियें कि वो ये क्‍यों नही कर पाए। क्‍या बजह रही। इससे आपको वो काम में मदद मिलेगी। रहे बाकी के 90 प्रतिशत उन से एक प्‍यारी सी मुस्‍कान के साथ बस इतना सा बोल दीजिये- 'देखते हैं'



2- यही बात अपने साथ बालें लोगों को समझाइये।

मल्‍टीलेवल मार्केट में जब आप को आप के जैसे ही लोग मिल जाऐंगे तो आप बहुत जल्‍दी आसानी से आगे निकल जाओगे। पर पता नही मुझे ऐसा क्‍यों लगता है किसी चीज को ढूढना आसान तो है लेकिन हमारें पास इतना टाइम कहॉ तो क्‍यों न जो मिल गयें है हम उन्‍हे अपने जैसा बना दें। ये ढॅूढने से भी ज्‍यादा आसान हैं। जो हमने सीखा वो उनको सिखा दें। फिर देख्‍ािये हमारा नेटवर्क कैसे दिन दूना रात चौगना बढता ही जाऐगा। 



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